Sunday, April 26, 2009

मुझे गर्व है अपने स्त्री होने पर

मुझे गर्व है अपने स्त्री होने पर,
मुझे गर्व है अपने भाईयों की बहन होने पर,
मुझे गर्व है कि मैं इक बेटी हूँ ,
मुझे गर्व है अपने बेटों की माँ होने का ,
मुझे गर्व है कि मैंने परिवार को संजो के रक्खा है,
मुझे गर्व है कि मैं इस घर का गौरव हूँ |
माता-पिता ने संस्कार जो दिए,
मैं अत्यंत आभारी हूँ,
मुश्किलों मैं दो ही रास्तों का हो सकता है चयन,
मैं हँसी की व्याभिचारी हूँ,
क्षमा की अर्चना अगर धो दे सब ज़हर,
मैं शत-शत नतमस्तक हूँ,
अपने कभी पराये लगने लगें,
मैं गले लगा पास लाती हूँ|
हे इश्वर, मेरी यह प्रार्थना ,
मुझे सत्बुध्धी देनी हमेशा,
बंधा रहे ऐसे ही यह परिवार हमेशा,
सुमति हमेशा सब नादानों को देना,
प्रेम-प्यार के आगे, कभी माया न परोसना|