Monday, July 6, 2009

~~~सोलवा साल~~~

~~~सोलवा साल~~~
उढ़ता मन
खिलता तन
उठते सवाल
भवरे जैसा हाल
सतरंगी सपने
दिल की हलचल
साँसों की रफ़्तार
खुद को खोना
रातो का न सोना
सपनो की आँखे
ख्यालो की दुनिया
सुन्दरता की मूरत
दिलकश खुबसूरत
केशुओ की घटा
हिरणी से नयन
धडकनों का संगीत
खुद की हार
खुद की जीत
यह कैसी तुझ से प्रीत
कुछ कुछ होता है यार
क्या यही है प्यार

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