Monday, May 18, 2009

कपोलों को छुआ

कपोलों को छुआ तो कुम्हला गया
हुस्न की बानगी फूल जतला गया

फुलवारी में होने लगी अब चर्चा
एक चेहरा क्या यह बतला गया

अनेकों रंग और खुश्बू का था नाज़
एक सिहरन से कौन नहला गया

हुस्न की बगिया से मिले इमदाद
इसी चाहत में चमन पगला गया

1 comment:

  1. कपोलों को छुआ तो कुम्हला गया
    हुस्न की बानगी फूल जतला गया

    बहुत मखमली मतला है

    इसी चाहत में चमन पगला गया
    इस लाइन को पढ़ कर बड़ा अटपटा लगा
    वीनस केसरी

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