सफ़र में मुश्किलें आये तो जुर्रत और बढती है
कोई जब रस्ता रोके तो हिम्मत और बढती है
मेरी कमजोरिओं पे जब कोई तनकीद करता है ,
वो दुश्मन क्यूँ न हो उस से मोहब्बत और बढती है
अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते है दाम अक्सर,
न बिकने का इरादा हो तो कीमत और बढती है !
कोई जब रस्ता रोके तो हिम्मत और बढती है
मेरी कमजोरिओं पे जब कोई तनकीद करता है ,
वो दुश्मन क्यूँ न हो उस से मोहब्बत और बढती है
अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते है दाम अक्सर,
न बिकने का इरादा हो तो कीमत और बढती है !
bahut sundar rachna hai
ReplyDeleterachiyata ka na pata kuchh nahhin mila hai
is it sunidhi? well keep it up. prerak shabad chayan hai'
wah
dr r k rawat
hindi officer
iit khargpur
dr.rajeev.rawat@gmail.com
बुझाने को हवा के साथ गर बारिश भी आ जाए,
ReplyDeleteचरागे बे हकीकत की हकीकत और बढती है !!
It was written by Dr Nawaz Deobandi
Kindly acknowledge the Poet
Thanks
Dr Atul Tyagi